त्रिमद चूर्ण : तीन जड़ी-बूटियों का संयोजन, स्वास्थ्य की गारंटी

त्रिमद चूर्ण आयुर्वेद का एक क्लासिकल फॉर्मूला है, जो नागरमोथा (Nagarmotha), चित्रक (Chitrak) और विदंग (Vidanga) – इन तीन शक्तिशाली जड़ी-बूटियों के समान अनुपात में मिलाकर तैयार किया जाता है। चाहे आपके पाचन से संबंधित समस्या हो, वात व कफ दोष, जोड़ों का दर्द, या सम्पूर्ण शक्ति की कमी – त्रिमद का नियमित उपयोग आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
आयुर्वेदिक गुणधर्म और दोषशमन:
म्यून बढ़ाने हेतु: त्रिमद चूर्ण शहद भोजन के बाद लें-यह रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है।
• वीर्य (उष्ण): शरीर को गर्मी देने वाला, पाचन अग्नि बढ़ाने वाला।
• गुण (गुण): लघु (हल्का), रूक्ष (शुष्क), तिक्त (कड़वा) और कटु (तीखा स्वाद
इनका प्रभाव: कफ दोष को शांत, वात को नियंत्रित में और पित्त संतुलन में सहायक ।
त्रिमद चूर्ण के प्रमुख लाभ:
• पाचन सुधारक- गैस, अपच, भारीपन और कब्ज में राहत ।
• वात-कफ संतुलन वात और कफ दोष को नियंत्रित कर वातजन्य रोगों में लाभ।
• शारीरिक ऊर्जावर्धक थकान और दुर्बलता दूर कर शारीरिक शक्ति बढ़ाए।
दर्द और सूजन निवारक – गठिया, जॉइंट दर्द में प्राकृतिक राहत ।
• डिटॉक्स और रेचक – शरीर की सफाई और विषहर प्रक्रिया में सहायक
• वज़न और मोटापे नियंत्रण:
सुबह खाली पेट एक कप गुनगुना पानी में 1⁄2 चम्मच त्रिमद चूर्ण मिलाकर पीएं।
• कफ या जुकाम में राहत:
त्रिमद काढ़ा + अश्वगंधा या तुलसी मिलाकर लेने से कफ नष्ट होता है और गले में राहत मिलती है।
कैसे तैयार करें?
1. नागरमोथा (Nagarmotha), चित्रक (Chitrak) और विदंग (Vidanga) – तीनों जड़ों को अच्छी तरह सुखाएं और बारीक पीस लें।
2. समान मात्रा में मिलाकर महीन पाउडर तैयार करें।
3. शुद्ध वायु-रहित डिब्बे में रखें; ठंडी और सूखी जगह पर 6 माह तक सुरक्षित रहता है।
सावधानियाँ
गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे और लोगों को जिनकी पाचन अग्नि कमजोर हो – उन्हें चिकित्सक की सलाह से ही सेवन करना चाहिए।
• अत्यधिक मात्रा से पेट में जलन, पित्तवृद्धि या वात संतुलन बिगड़ सकता है।
आम तौर पर 250-500mg, दिन में 1 से 2 बार ले।
• संक्रमण नियंत्रण – विदंग में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो संक्रमण रोकते हैं।
घरेलू नुस्खे:
पाचन के लिए काढ़ा:
मात्रा: -एक गिलास पानी में 1⁄2 चम्मच त्रिमद चूर्ण उबालकर गर्म काढ़ा तैयार करें। भोजन के बाद सेवन करें।
निष्कर्ष
त्रिमद चूर्ण – आयुर्वेद का वह शक्तिशाली मिश्रण है, जो पाचन, मोटापे, इम्यूनिटी और हृदय स्वास्थ्य में आश्चर्यजनक असर डालता है। यह सिर्फ औषधि नहीं, जीवनशैली में एक परिवर्तन लाने वाला मंत्र है। आयुर्वेद कहता है- “रोग नहीं, जीवन सुधारे” और त्रिमद इसी सिद्धांत का उत्कृष्ट अनुप्रयोग है।

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